नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत के तकनीकी विकास में नया अध्याय लिखा है। पीएम मोदी ने हाल ही में तीन PARAM Rudra सुपरकंप्यूटरों का उद्घाटन किया, जिन्हें पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह कदम भारत को एक वैश्विक तकनीकी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
इन तीनों सुपरकंप्यूटरों का निर्माण C-DAC (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) द्वारा किया गया है। PARAM Rudra सुपरकंप्यूटर सीरीज का उद्देश्य देश की डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाना और महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे मौसम पूर्वानुमान, दवा अनुसंधान, रक्षा, और एआई आधारित अनुसंधान को मजबूती प्रदान करना है।
क्या है PARAM Rudra सुपरकंप्यूटर की खासियत?
PARAM Rudra सीरीज के सुपरकंप्यूटरों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये पूरी तरह से भारत में विकसित किए गए हैं, यानी इनमें हर एक तकनीकी उपकरण और सॉफ्टवेयर स्वदेशी हैं। इससे न केवल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि इससे विदेशी तकनीक पर निर्भरता भी कम होगी।
इन सुपरकंप्यूटरों में हजारों टेराफ्लॉप की प्रोसेसिंग क्षमता है, जिससे बड़ी से बड़ी गणनाएं बेहद तेज गति से की जा सकती हैं। यह उन्नत सिस्टम देश के वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं को उन क्षेत्रों में बड़ी मदद करेगा, जहां उच्च स्तरीय गणना की आवश्यकता होती है।
मौसम पूर्वानुमान से लेकर दवा अनुसंधान तक, सब कुछ होगा आसान
भारत जैसे देश में मौसम के मिजाज को समझना एक चुनौतीपूर्ण काम है। हर साल कई हिस्सों में बाढ़, सूखा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। PARAM Rudra सुपरकंप्यूटर देश को और सटीक और तेज मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने में मदद करेगा। इससे किसानों और आपदा प्रबंधन इकाइयों को बड़ी राहत मिलेगी।
इसके अलावा, दवा अनुसंधान में भी PARAM Rudra सुपरकंप्यूटर क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इसके माध्यम से नई दवाओं और चिकित्सा उपचारों का परीक्षण और विकास बहुत तेजी से किया जा सकेगा। इस प्रकार यह स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।
स्वदेशी तकनीक से मिलेगा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त
भारत, जो पहले तकनीकी उन्नति के लिए बड़े पैमाने पर पश्चिमी देशों पर निर्भर था, अब अपनी तकनीक का निर्यात करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। PARAM Rudra सुपरकंप्यूटर न केवल देश की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा देंगे, बल्कि भारत को एक तकनीकी निर्यातक के रूप में भी उभारेंगे। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ अभियानों की दिशा में भी बड़ी सफलता है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का बढ़ता दबदबा
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत ने सुपरकंप्यूटिंग की दुनिया में एक मजबूत पहचान बनाई है। जब दुनिया के अन्य देश भी उच्च तकनीकी उपकरणों और सुपरकंप्यूटरों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, भारत अपने संसाधनों और प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ रहा है। PARAM Rudra के विकास से यह साबित हो गया है कि भारत सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता भी बन सकता है।
भविष्य के लिए पीएम मोदी की दृष्टि
इस लॉन्च के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “भारत का भविष्य तकनीक में है, और PARAM Rudra इसका जीता-जागता उदाहरण है। हमारा उद्देश्य है कि हम आने वाले वर्षों में तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करें और वैश्विक तकनीकी महाशक्ति के रूप में उभरें।”
यह सुपरकंप्यूटर न केवल देश की वर्तमान जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार करेगा।
निष्कर्ष
PM मोदी द्वारा लॉन्च किए गए तीन PARAM Rudra सुपरकंप्यूटर भारत की तकनीकी प्रगति का एक और उदाहरण हैं। यह कदम न केवल देश की तकनीकी क्षमता को बढ़ावा देगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की पहचान को भी मजबूत करेगा। इस सुपरकंप्यूटिंग शक्ति का उपयोग स्वास्थ्य, मौसम पूर्वानुमान, रक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में किया जाएगा, जिससे भविष्य में और भी बड़ी तकनीकी क्रांतियां देखने को मिलेंगी।
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